Ishk Hindi Shayari इश्क हिंदी शायरी-NanheYadav
इश्क है वही जो हो एक तरफा;
इजहार है इश्क तो ख्वाईश बन जाती है;
है अगर इश्क तो आँखों में दिखाओ;
जुबां खोलने से ये नुमाइश बन जाती है।
इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया,
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे
भी मोहब्बत हो,
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने
हमे नीलाम कर दिया…
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया,
हमने तो कभी नही चाहा की हमे
भी मोहब्बत हो,
लेकिन तुम्हारी एक नज़र ने
हमे नीलाम कर दिया…
इश्क में, मैं खुद को बेकसूर कहती थी पहले
भूल जाती हूँ कि इस दिल की भी तो शरारत थी कुछ
भूल जाती हूँ कि इस दिल की भी तो शरारत थी कुछ
नयनों से नैन मिलाकर, महोब्बत का इजहार करूँ
बन कर ओस की बुँदे., जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी, इश्क के सफर में
थाम ले तू हाथ मेरा, मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ
बन कर ओस की बुँदे., जिन्दगी तेरी गुलजार करूँ
संवर जाएगी तेरी मेरी जिन्दगी, इश्क के सफर में
थाम ले तू हाथ मेरा, मैं तेरे हर वादे पे ऐतबार करूँ
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है,
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
इश्क मेरी रुह, तो दोस्ती मेरा ईमान है,
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी,
पर दोस्ती पर, मेरा इश्क भी कुर्बान है
होशवालों को खबर क्या…
बेखुदी क्या चीज़ है…
इश्क कीजिये…फिर समझिये…
ज़िन्दगी क्या चीज़ है!
बेखुदी क्या चीज़ है…
इश्क कीजिये…फिर समझिये…
ज़िन्दगी क्या चीज़ है!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला.
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला.
तुम हक़ीक़त-ए-इश्क़ हों या फ़रेब मेरी आँखों का,
न दिल से निकलते हो न मेरी ज़िन्दगी में आते हो…
न दिल से निकलते हो न मेरी ज़िन्दगी में आते हो…
दिल इश्क से
बंधा हुआ एक
जिद्दी परिंदा है !
उम्मीदों से ही घायल है
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
बंधा हुआ एक
जिद्दी परिंदा है !
उम्मीदों से ही घायल है
उम्मीदों पर ही जिंदा !!
आधे से कुछ ज्यादा है,
पूरे से कुछ कम…
कुछ जिंदगी… कुछ गम,
कुछ इश्क… कुछ हम…
पूरे से कुछ कम…
कुछ जिंदगी… कुछ गम,
कुछ इश्क… कुछ हम…
चाहने की वजह कुछ भी नहीं ,
बस इश्क
की फितरत है, बे- वजह होना…
बस इश्क
की फितरत है, बे- वजह होना…
कत्ल किया था जिसने मेरी मासूम मुहब्बत का
वो बा-इज़्ज़त बरी है
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये
वो बा-इज़्ज़त बरी है
और हम इश्क़ करके सारे शहर के गुनहगार हो गये
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता…
बेचारा दिल तुम्हारी #ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा..!
बेचारा दिल तुम्हारी #ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा..!
हुस्न की मल्लिका हो या साँवली सी सूरत…!!
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है
इश्क अगर रूह से हो तो हर चेहरा कमाल लगता है
Thank you
NanheYadav