हम प्यार उन्ही से करे है
हम समंदर है हमन खामोश रह गए दो
ज़ारा मचल गय ते शाहर ले दोबगेनी
हम समंदर में हमें खामोश बने हुए हैं
जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे
शेरो शायरी कोई खेल ना जनाब
जल जाति है जवनियां लफजो की आग मुख्य
शेरो शायरी कोई खेल नहीं जनाब
जल जाता है जवनियाँ लफ़्ज़ की आग में
हिज्र की पहली फजर का हाल मत पुचीये साहब
मुख्य खुदा के साथ और दिल मेरे पास रोता है
तेरी बात को खमोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ में मेरी नाराज़गी का है
तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ है मेरे नाज़राज़े का
बिछड़ने की इतनी जल्दी उसे थी
खुद को आधा छोड़ दिया गया
तेरा शिव कोई भी नाम पसन्द न्हे दिल को,
कुच्छ है तराह से कबजा किया है आदों ने तेरी
हिंदी शायरी, हिंदी शायरी
बैठे थे अपनी मौज में अचानक रो पड़े
यू आकर तेरों ने अच्छा नहीं किया
बैथे आपनी मौज में अचानाक रो पाडे
यौ एकर तेरे ख्याल न अछा न कीया
मुजम्मे कामियान बहूत होंग मगर एक खोई भी है
मैन्ने केसे से भी तैलुक मतालब के झूठ नहीं राखा
सुणा है हर चीज मिल जायेगी दुआ से
एक बर तुमन मंगाकर देहेंगे खुदा से
तुझ पर अब हिंदी शायरी नहीं चलेगी
अब तुझे खमोशी से मर जाएगा
तुझ पार आब हिन्दे शायरी नहिं वै
उस्की एक झलक शायरी
चहत से जीत लेटे हैं हर केसे के दिल को
हम अइस सिकंदर हन जो लस्कर न राखेत
धुंध धुंध सा छाने लगा
जब वह मेरे पास से जाने लगा
धुँध धुँध सा छाने लागा
जब वो मेरे पास से जाने लागे
सब कुछ तुम्हारे लिए माँगा है
इक तुम मांगे बाद जाना
सब कुच्छ तुम्हारें ले माँगा है
इक तुम मांगे बाण जाना
मेरी स्थितियों को इग्नोर कर दिया गया
उखड़ तो तो आप मेरा कुछ नहीं कर सकते
मेरे गालियातें को इग्नोर कर दिया करेन
उखड़ ते वैस आप मेर कुच्छ नहिं सकैत
दिल तुम पे फ़िदा हुआ
कम्बख्त शौक से तबाह हुआ
हम समंदर है हमन खामोश रह गए दो
ज़ारा मचल गय ते शाहर ले दोबगेनी
हम समंदर में हमें खामोश बने हुए हैं
जरा मचल गए तो शहर ले डूबेंगे
शेरो शायरी कोई खेल ना जनाब
जल जाति है जवनियां लफजो की आग मुख्य
शेरो शायरी कोई खेल नहीं जनाब
जल जाता है जवनियाँ लफ़्ज़ की आग में
हिज्र की पहली फजर का हाल मत पुचीये साहब
मुख्य खुदा के साथ और दिल मेरे पास रोता है
तेरी बात को खमोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ में मेरी नाराज़गी का है
तेरी बात को खामोशी से मान लेना
ये भी अंदाज़ है मेरे नाज़राज़े का
बिछड़ने की इतनी जल्दी उसे थी
खुद को आधा छोड़ दिया गया
तेरा शिव कोई भी नाम पसन्द न्हे दिल को,
कुच्छ है तराह से कबजा किया है आदों ने तेरी
हिंदी शायरी, हिंदी शायरी
बैठे थे अपनी मौज में अचानक रो पड़े
यू आकर तेरों ने अच्छा नहीं किया
बैथे आपनी मौज में अचानाक रो पाडे
यौ एकर तेरे ख्याल न अछा न कीया
मुजम्मे कामियान बहूत होंग मगर एक खोई भी है
मैन्ने केसे से भी तैलुक मतालब के झूठ नहीं राखा
सुणा है हर चीज मिल जायेगी दुआ से
एक बर तुमन मंगाकर देहेंगे खुदा से
तुझ पर अब हिंदी शायरी नहीं चलेगी
अब तुझे खमोशी से मर जाएगा
तुझ पार आब हिन्दे शायरी नहिं वै
उस्की एक झलक शायरी
चहत से जीत लेटे हैं हर केसे के दिल को
हम अइस सिकंदर हन जो लस्कर न राखेत
धुंध धुंध सा छाने लगा
जब वह मेरे पास से जाने लगा
धुँध धुँध सा छाने लागा
जब वो मेरे पास से जाने लागे
सब कुछ तुम्हारे लिए माँगा है
इक तुम मांगे बाद जाना
सब कुच्छ तुम्हारें ले माँगा है
इक तुम मांगे बाण जाना
मेरी स्थितियों को इग्नोर कर दिया गया
उखड़ तो तो आप मेरा कुछ नहीं कर सकते
मेरे गालियातें को इग्नोर कर दिया करेन
उखड़ ते वैस आप मेर कुच्छ नहिं सकैत
दिल तुम पे फ़िदा हुआ
कम्बख्त शौक से तबाह हुआ